सोशल मीडिया की ताकत | Aaj ki kahani:
Aaj ki kahani : सोशल मीडिया का उपयोग दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है | ऐसी ही एक आपराधिक घटना, जिसने सोशल मीडिया की ताकत का ज़ोरदार नमूना पेश किया है | एक शहर में एक औरत, जिसका नाम देवकी था, वह अपनी बच्ची और पति के साथ रहती थी | देवकी के पति की मानसिक हालत ठीक नहीं थी, इसलिए देवकी को ही छोटे मोटे काम करके, घर चलाना पड़ता था | देवकी की बेटी सिर्फ़ पाँच वर्ष की थी, इसलिए उसे वह अपने साथ ले जाया करती थी | देवकी अपनी बेटी से बहुत प्यार करती थी | एक दिन देवकी को पता चलता है, कि शहर में सड़क का निर्माण होने वाली है और उसके लिए बहुत से मज़दूरों की आवश्यकता है | देवकी की आँखों में ख़ुशी की चमक आ जाती है क्योंकि उसे रोज़ाना अलग अलग काम खोजने पड़ते थे, लेकिन यदि यह काम मिल गया तो, दो तीन महीने, आराम से कट जाएंगे | देवकी सड़क के ठेकेदार के पास सुबह होते ही, पहुँच जाती है | लेकिन उसे पता चलता है, इस काम में केवल पाँच औरतों की ज़रूरत थी, जिन्हें ठेकेदार ने ले लिया है | देवकी निराश हो जाती है और दुखी होकर अपने घर लौट ही रही होती है, कि अचानक ठेकेदार के मोबाइल मैं फ़ोन आता है और उसे पता चलता है, कि उन 5 में से एक औरत बीमार हो चुकी है, जिसकी वजह से वह काम में नहीं आ सकती है | तभी ठेकेदार देवकी को जाने से रोक लेता है और उससे कहता है, कि तुम कल सुबह 9 बजे से काम पर आ जाना | काम मिलते ही, देवकी की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहता | वह बहुत दिनों से, अपनी बच्ची के लिए कुछ कपड़े ख़रीदना चाह रही थी | लेकिन पैसों की तंगी की वजह से, वह केवल खाने पीने के लायक ही व्यवस्था कर पा रही थी |
वह घर पहुँचते ही अपनी बच्ची को चॉकलेट देती है और अपने पति को काम मिलने की बात बताती है | लेकिन वह कोई प्रतिक्रिया नहीं देता | दरअसल उसे किसी की बातें समझ में ही नहीं आती है | देवकी की बच्ची अभी छोटी है, इसलिए वह इसे अपने पति के भरोसे घर पर अकेले नहीं छोड़ सकती | वह तय करती है, अपने साथ अपनी बच्ची को भी ले जाएगी और वह समय से काम पर पहुँच जाती है | ठेकेदार देवकी को बच्ची के साथ देखकर डाँटता है | इतनी गर्मी में तुम, इतनी छोटी सी बच्ची को, यहाँ लाई हो | उसकी तबियत ख़राब हो सकती है | तुम्हें इतनी भी अक़्ल नहीं | लेकिन देवकी मजबूर है और वह अपने दर्द भरे हालात ठेकेदार को बता देती है और उसकी कहानी सुनकर ठेकेदार को उस पर दया आ जाती है और वह उसकी बच्ची को साथ में रखने की इजाज़त दे देता है और बच्ची के लिए वहीं पास में ही, एक कमरे में खेलने की व्यवस्था करता है, ताकि उसका मन लगा रहे | देवकी को यहाँ का माहौल अच्छा लगने लगता है और एक ही हफ़्ते के काम के बाद, देवकी के पास अच्छे पैसे आ जाते हैं | देवकी अपनी बेटी के लिए कपड़े ख़रीदना चाहती थी इसलिए वह पैसे मिलते ही बाज़ार जाने का मन बना लेती है | लेकिन तेज धूप की वजह से, वह अपनी बच्ची को बाज़ार साथ नहीं ले जाना चाहती, इसलिए वह बच्ची को वही ठेकेदार के पास छोड़ देती है और बाज़ार के लिए निकल जाती है | कई दुकानों में घूमने के बाद वह अपनी बच्ची के लिए बहुत शानदार कपड़े ख़रीद लेती है और बहुत ख़ुश हो जाती है | वह जल्दी से अपनी बेटी को, यह कपड़े पहने हुए देखना चाहती थी, इसलिए बाज़ार से जल्दी निकल आती है और कमरे में पहुंचकर बेटी को आवाज़ देती है | लेकिन उसका कहीं पता नहीं चलता वह भागते हुए ठेकेदार के पास पहुँचती है और उससे पूछती है, “मेरी बच्ची कहीं नहीं दिख रही है, क्या आपके पास हैं” ? ठेकेदार ने कहा, “नहीं, वह तो अभी उसी कमरे में थी | वही सड़क के आस पास देखो, कही घूम रही होगी” | देवकी रोते हुए कहती है, मैं सारी जगह ढूँढ चुकी हूँ | उसका कहीं पता नहीं चल रहा | आप चलिए मुझे मेरी बच्ची चाहिए और देखते ही देखते मज़दूरों की भीड़ इकट्ठा हो जाती है | सभी देवकी की बच्ची को खोजने में लगे होते हैं | लेकिन उसका कहीं कुछ पता नहीं चल रहा था | सभी घटना की जानकारी पुलिस को देने पहुँचते हैं |
देवकी को ठेकेदार के ऊपर श़क होता है, लेकिन वह खुलकर नहीं कह पा रही होती | पुलिस मामले को गंभीरता से नहीं लेती और बिना FIR लिखें, उन्हें वहाँ से भगा देती है | लेकिन देवकी बिना अपनी बच्ची को लिए, यहाँ से नहीं जाना चाहती | वह थाने के ही बाहर, बैठ जाती है | धीरे धीरे करके सभी मज़दूर वहाँ से चले जाते हैं और देवकी अकेले रोती बिलखती, अपनी बच्ची का इंतज़ार करती रहती है | तभी वहाँ से एक ट्रैवल ब्लॉगर गुज़रता है और देवकी को रोते हुए देख रुक जाता है और उससे रोने का कारण पूछता है | देवकी उसे सारी बात बता देती है | ट्रैवल ब्लॉगर अपने मोबाइल से देवकी का, रोता हुआ वीडियो, रिकॉर्ड कर लेता है और अपने सोशल मीडिया अकाउंट से शेयर कर देता है और कुछ ही घंटों के अंदर देवकी का वीडियो वायरल हो जाता है और जो पुलिस अब तक FIR नहीं कर पाई थी | सोशल मीडिया की वजह से वह बच्ची को चप्पे चप्पे ढूंढने पर मजबूर हो जाती है | मामला अब उच्च स्तरीय बन चुका था | पूरे राज्य में बच्ची की तलाश की जा रही थी | तभी पुलिस को ख़बर मिलती है कि हाईवे के नाके पर, एक ट्रक की तलाशी के दौरान बहुत से बच्चे मिले हैं, जिन्हें सड़क यातायात के ज़रिये, दूसरे देश भेजा जाना था | ख़बर मिलते ही राज्य में खलबली मच जाती है और मीडिया तुरंत मौक़े पर पहुँच जाती है | सारे बच्चों की शिनाख्त करने के बाद भी देवकी की बच्ची का पता नहीं चलता | पकड़े गए अपराधियों को, पुलिस रिमांड में लेकर पूछताछ करती है तो पता चलता है, कि एक दिन पहले ही कुछ बच्चों को, पानी के जहाज़ के ज़रिए सीमा पार भेजा गया है | यह बात पता चलते ही, पुलिस चौकन्ना हो जाती हैं और नेवी को सूचित कर देती है | नौसेना के अधिकारी ख़बर मिलते ही, जहाज की लोकेशन ट्रैक करके, जहाज़ का पीछा करते हैं, लेकिन वह जहाज़ दूसरे देश की सीमा में प्रवेश कर चुका होता है |
अचानक वह जहाज़ वापस आता हुआ दिखाई देता है | समुद्री सेना के अधिकारियों को यह बात समझ नहीं आ रही थी, कि यह जहाज़ जब दूसरे देश की सीमा में प्रवेश कर गया तो, वापस क्यों आया | लेकिन तभी जहाज़ के पीछे से गोलियां चलने की आवाज़ आने लगती है और जैसे ही वह जहाज़ क़रीब आता है, तो नौसेना के अधिकारी जहाज़ को अपने क़ब्ज़े में ले लेते हैं और अंदर जाकर सभी बच्चों को कैद से बाहर निकाल देते हैं | अपराधियों को क़ब्ज़े में लेने के बाद जेल भेज दिया जाता है और जहाज़ में मिलें, बच्चों के बीच में, देवकी की बच्ची भी बैठी होती है | देवकी को अपनी बच्ची के मिलने की खबर मिलती है, वह वहां पहुच जाती है और जेसे ही देवकी की नजर, अपनी बच्ची पर पड़ती है तो वह भागकर उसे गले लगा लेती है और चूमने लगती है और ख़ुशी से रोने लगती है | सोशल मीडिया की वजह से ही, इस मामले को गंभीरता से लिया गया | जिसका सकारात्मक परिणाम देखने को मिला और इसी के साथ जुर्म की दुनिया की ये कहानी ख़त्म हो जाती है |